Kainchi Dham Ashram

कैंची धाम(Kainchi Dham Ashram)उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले में हिमालय की शांत पहाड़ियों के बीच स्थित है। यह आश्रम समुद्र ताल से लगभग 1400 मीटर की ऊंचाई  पर स्थित है। नीम करोली बाबा सबसे पहले 1961 में इस जगह पर आए थे और फिर 1964 में उन्होंने अपने मित्र पूर्णानंद के साथ कैंची नामक गांव में कैंची धाम की स्थापना की । कैंची धाम तीर्थयात्रियों, साधकों और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक दिव्य जगह है। नैनीताल के पास स्थित यह शांत कैंची धाम आश्रम लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है। लोग इस आश्रम में सांत्वना ढूंढ़ने, आध्यात्मिक मार्गदर्शन, मन्न की शांति और परमात्मा के साथ अपने आपको जोड़ने आते हैं।

कैंची धाम आश्रम(Kainchi Dham Ashram)भवाली-अल्मोड़ा/रानीखेत राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे पर स्थित है। शहर की भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी से परेशान हो कर इस जगह आना और आकर प्रकृति की गोद में कुछ दिन बिताना और आश्रम के दर्शन करना मन्न को शांति प्रदान करता है। दुनिया के विभिन्न देशों से भक्तजन कैंची धाम के दर्शन करने आते है। कैंची धाम आश्रम नीम करोली बाबा को समर्पित है जिन्हें भगवन हनुमान जी का अवतार माना जाता है। यह आश्रम हज़ारो भक्तों का आस्था का केंद्र है।  

कैंची धाम आश्रम(Kainchi Dham Ashram)से जुडी कहानी

कैंची धाम(Kainchi Dham Ashram)एक दिव्य जगह है। इस आश्रम से जुडी कई कहानियां है। लोग दूर-दूर (देश विदेश) से नीम करोली बाबा का आशीर्वाद लेने और कैंची धाम आश्रम के दर्शन करने के लिए आते है। यूँ तो कैंची धाम में भक्त आते रहते है। लेकिन कुछ बड़ी बड़ी हस्तियां भी कैंची धाम और नीम करोली बाबा के भक्त है। आइये जानते है।

एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स – जब स्टीव जॉब्स की ज़िन्दगी में कई उतार चढ़ाव, असफलताएं आ रही थी। तब डॉ. लेरी ब्रिलियंट (जो की एक वैज्ञानिक है जिन्होंने चेचक की बीमारी का सफलतापूर्वक इलाज़ ढूंढा) ने उन्हें नीम करोली बाबा से मिलने की सलाह दी । लेकिन जब स्टीव जॉब्स भारत आए और उन्हें पता चला की नीम करोली बाबा समाधी ले चुके है, तो उन्हें बहुत ज्यादा दुःख हुआ।

फिर वह कैंची धाम आश्रम(Kainchi Dham Ashram)गए और कुछ समय वहां बिताया। वह नीम करोली बाबा की फोटो को निहारते रहते थे , उससे उनको काफी सकारात्मकता मिली और उसके बाद स्टीव जॉब्स वापस अमेरिका चले गए और एप्पल कंपनी की स्थापना की, और कहा जाता है की एप्पल का लोगो भी स्टीव जॉब्स ने नीम करोली बाबा के पसंदीदा फल एप्पल (सेब ) से लिया है।   

फेसबुक के मालिक मार्क जकरबर्ग – जब मार्क जकरबर्ग फेसबुक बना रहे थे तो वह उसे लेके बहुत परेशान थे। चीज़ें उनके लिए सही नहीं चल रही थी। लोग उन्हें फेसबुक बेचने के लिए बोल रहे थे। एक दिन वह एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स से मिले। वह स्टीव जॉब्स को अपना गुरु मानते हैं। तो मार्क जकरबर्ग ने उन्हें अपनी परेशानियों के बारे में बताया । तब स्टीव जॉब्स ने मार्क जकरबर्ग को सलाह दी की तुम भारत जाओ और वहां भारत में कैंची धाम नीम करोली बाबा के आश्रम जाओ। स्टीव जॉब्स के कहने पर मार्क जकरबर्ग भारत आये और करीब एक महीना भारत में रहे।

इसी दौरान वह कैंची धाम आश्रम(Kainchi Dham Ashram)भी आए। मार्क जकरबर्ग अपने साथ केवल एक किताब लेकर आए थे। मार्क जकरबर्ग दो दिन तक कैंची धाम आश्रम में रुके रहे। हालाँकि वह एक ही दिन के लिए आश्रम आए थे। लेकिन अगले दिन मौसम ख़राब हो गया तेज़ बारिश होने लगी और फिर उन्हें दो दिन वहीँ रुकना पड़ा । फिर उन्होंने बताया की उसके बाद से उनकी सारी चीज़े बदलनी शुरू हो गयी। इस घटना के बारे में मार्क जकरबर्ग ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को बताया था, जब वह अमेरिका की यात्रा पर गए थे।

हॉलीवुड की अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स – जूलिया रॉबर्ट्स कई बार कैंची धाम(Kainchi Dham Ashram)आ चुकी है। वह हिन्दू धर्म से काफी प्रभावित है। और हिन्दू धर्म को फॉलो करती है। उन्होंने एक टीवी इंटरव्यू में कहा था की वह हिन्दू धर्म से काफी  प्रभावित है और उसे फॉलो करती है, उन्होंने ये भी बताया की नीम करोली बाबा की फोटो देख के ही उन्होंने हिन्दू धर्म अपनाया। उन्हें खुद ही पता नहीं चला की नीम करोली बाबा की फोटो देख कर उनके साथ क्या हुआ।

कैंची धाम आश्रम(Kainchi Dham Ashram)से जुड़े चमत्कार

एक दिन कैंची धाम आश्रम(Kainchi Dham Ashram)में भंडारा था, बड़ी संख्या में भक्त आश्रम में भंडारे खाने आए लेकिन इस दौरान भंडारा बनाने के लिए घी कम पड़ गया। नीम करोली बाबा के अनुयायियों ने इस बात की जानकारी उन तक पहुंचाई. नीम करौली बाबा जी ने अपने भक्तों से कहा चिंता मत करो, पास में ही बह रही नदी से दो कनस्तर पानी ले कर आओ. भक्तों ने ऐसा ही किया वह पानी भरकर ले आए और कढ़ाई में डाल दिया। 

और नीम करोली बाबा के चमत्कार से कढ़ाई में डाला पानी घी में बदल गया और उसमें गर्मा-गर्भ पूड़िया तली जाने लगी. सभी भक्त ये देखकर हैरान रह गए। दूसरे दिन बाबा के आदेश पर दो कनस्तर घी बाजार से मंगवा कर नदी में वापस प्रवाहित कर दिया।

एक बार अमेरिकी नागरिक रिचर्ड अल्बर्ट जो की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे वह भारत दर्शन के लिए आये थे। भारत दर्शन करते करते  इनको पता चला की कैंची धाम(Kainchi Dham Ashram)में एक चमत्कारी बाबा रहते हैं, तो वह वहां चले गए। रिचर्ड अल्बर्ट उस समय तनाव से जूझ रहे थे। तो एक रात वह अकेले बैठ के तारों को देख रहे थे। तभी वहां पे नीम करोली बाबा आए और रिचर्ड अल्बर्ट को बोला क्या हुआ बेटा तुम तारों में अपनी माँ को देख रहे हो, और हाँ मुझे ये पता है की तुम्हरी माँ का देहांत कैंसर से हुआ था।

जब रिचर्ड अल्बर्ट ने ये सब सुना तो वह सन रह गया और नीम करोली बाबा के चरणों में गिर गया। तब उसे एहसास हुआ की यह बाबा तो सच में चमत्कारी है, किसी भगवन से कम नहीं। उसके बाद से रिचर्ड अल्बर्ट नीम करोली बाबा के भक्त बन गए और अपना नाम रिचर्ड अल्बर्ट से बदल कर राम दास रख दिया।  

क्यूंकि रिचर्ड अल्बर्ट एक कमेस्ट्री के प्रोफेसर थे तो ये अपने साथ एक ड्रग्स ले के आये थे जोकि बहुत ख़तरनाक था। तो रिचर्ड अल्बर्ट ने इसके बारे में नीम करोली बाबा को बताया की अगर इसकी तीन चार गोली एक-साथ लेंगे तो मौत हो जाएगी। तो रिचर्ड अल्बर्ट के पास उस ड्रग्स की जितनी गोली थी बाबा ने वो सारी एक-साथ खाली और उन्हें कुछ नहीं हुआ।

फिर उन्होंने रिचर्ड अल्बर्ट से कहा की मज़ा ही नहीं आया, असली मज़ा जो है वह तो भगवन की शादना में हैं।  ये सब देख कर और सुन कर रिचर्ड अल्बर्ट (राम दास) ने अपने आप को नीम करोली बाबा को  पूर्ण रूप से समर्पण कर दिया। उसके बाद रिचर्ड अल्बर्ट (राम दास) ने नीम करोली बाबा पर एक किताब “मिरेकल आफ लव” भी लिखी।

कैंची धाम आश्रम(Kainchi Dham Ashram)कैसे पहुंचे ?

कैंची धाम आश्रम(Kainchi Dham Ashram)भवाली-अल्मोड़ा/रानीखेत राष्ट्रीय राजमार्ग पर कोसी नदी के किनारे पर स्थित है। नैनीताल से आश्रम की दूरी लगभग 19 किलोमीटर है। कैंची धाम आश्रम में आप सड़क मार्ग के जरिये आसानी से पहुँच सकते है। यहाँ से नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है जोकि यहाँ से लगभग 44  किलोमीटर दूरी पर है। और नजदीकी हवाईअड्डा पंत नगर जिसकी दूरी कैंची धाम से 71 किलोमीटर है। हवाईअड्डा या रेलवे स्टेशन से आप कैंची धाम पहुँच ने के लिए टैक्सी व बस ले सकते है। यहाँ आश्रम में आप साल के किसी भी समय जा सकते है। यहाँ का मौसम सालभर बहुत ही सुहाना रहता है।

कैंची धाम क्या है ?

कैंची धाम आश्रम(Kainchi Dham Ashram) नीम करोली बाबा को समर्पित मंदिर परिसर है। जो उत्तराखंड राज्य के कुमाऊं मंडल के नैनीताल जिले में स्थित है। यह आश्रम अपने आध्यात्मिकता और नीम करोली बाबा से जोड़े चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध है ।

नीम करोली बाबा कौन थे?

नीम करोली बाबा जिन्हें महाराज-जी भी कहा जाता है, एक संत, आध्यात्मिक गुरु थे। नीम करोली बाबा को भगवन हनुमान जी का अवतार मन जाता था। उन्हें उनकी प्रेम, भक्ति और मानवता की सेवा पर उनकी शिक्षाओं के लिए जाना जाता है। नीम करोली बाबा का भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आध्यात्मिक जिज्ञासुओं पर महत्वपूर्ण प्रभाव था।

कैंची धाम की स्थापना कब हुई ?

नीम करोली बाबा सबसे पहले 1961 में इस जगह पर आए थे और फिर 1964 में उन्होंने अपने मित्र पूर्णानंद के साथ कैंची नामक गांव में कैंची धाम(Kainchi Dham Ashram)की स्थापना की ।

कैंची धाम का महत्व क्या है?

कैंची धाम आध्यात्मिक मार्गदर्शन और आशीर्वाद प्राप्त करने वाले भक्तों के लिए एक पवित्र स्थान है। आश्रम अपने शांत वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है।

क्या कैंची धाम में कोई विशिष्ट अनुष्ठान या प्रार्थना की जाती है ?

कैंची धाम में भक्तजन प्रार्थना, भजन, और ध्यान में संलग्न होते हैं। मंदिर परिसर में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों की होते हैं, विशेष रूप से हनुमान जयंती और नीम करोली बाबा की सालगिरह के दौरान।

क्या कोई भी कैंची धाम जा सकता है?

हां, कैंची धाम सभी धर्मों और पृष्ठभूमि के लोगों के लिए खुला है। दुनिया के विभिन्न हिस्सों से भक्त और आध्यात्मिक साधक आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव करने और आशीर्वाद लेने के लिए कैंची धाम आश्रम आते हैं।

कैंची धाम जाने का सबसे अच्छा समय क्या है?

कैंची धाम आश्रम का दौरा पूरे वर्ष में कभी भी किया जा सकता है, वैसे तो यहाँ का मौसम सुहाना रहता हैं लेकिन सर्दियों में यहाँ ठण्ड ज्यादा पड़ती हैं। बरसात के मौसम में यहाँ का नज़ारा और भी सुन्दर हो जाता हैं चारों तरफ हरियाली और हिमालय की पहाड़ियों से निकलती नदियाँ मन मोह लेती हैं ।

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