Mahalaxmi Mantra- महालक्ष्मी मंत्र, जिसे लक्ष्मी मंत्र के रूप में भी जाना जाता है, हिंदू देवी महालक्ष्मी या लक्ष्मी को समर्पित एक शक्तिशाली मंत्र है, जिन्हें धन, समृद्धि और प्रचुरता की देवी माना जाता है। माना जाता है कि इस मंत्र का जाप करने से देवी माँ का आशीर्वाद प्राप्त होता है और व्यक्ति के जीवन में धन और सौभाग्य आकर्षित होता है।
Mahalaxmi Mantra का ध्यानपूर्वक और पवित्र मन से जाप करके, जातक वित्तीय बाधाओं को दूर करने, समृद्धि को आकर्षित करने और समग्र कल्याण को बढ़ावा देने के लिए माँ महालक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस मंत्र का जाप 108 बार करने की सलाह दी जाती है।
माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने और किसी के जीवन में धन, प्रचुरता और समृद्धि को आकर्षित करने के लिए इस मंत्र का जाप किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि भक्ति और ध्यान के साथ इस मंत्र का नियमित पाठ वित्तीय बाधाओं को दूर करने, सफलता को बढ़ावा देने और समग्र कल्याण लाने में मदद कर सकता है।
श्री लक्ष्मी बीज मन्त्र: (Mahalaxmi Mantra)
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
ॐ: मौलिक ध्वनि और सार्वभौमिक कंपन।
श्रीम: देवी महालक्ष्मी का बीज ध्वनि, प्रचुरता और धन का प्रतिनिधित्व करता है।
ह्रीं: देवी महालक्ष्मी की बीज ध्वनि, पवित्रता और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतिनिधित्व करती है।
श्रीम: देवी महालक्ष्मी का बीज ध्वनि, प्रचुरता और धन का प्रतिनिधित्व करता है।
कमले: कमल का जिक्र है, जो पवित्रता और दिव्य सुंदरता का प्रतीक है।
कमलालये: कमल के निवास को दर्शाता है, जो देवी लक्ष्मी का प्रतिनिधित्व करता है।
प्रसीद प्रसीद: देवी की कृपा और आशीर्वाद के लिए एक प्रार्थना।
महालक्ष्मये: स्वयं धन की देवी महालक्ष्मी का जिक्र।
नम: एक श्रद्धापूर्ण अभिवादन, जिसे भक्ति और समर्पण व्यक्त करने के एक तरीके के रूप में समझा जा सकता है।
इस मंत्र का जाप करते समय, भक्त महालक्ष्मी का आशीर्वाद मांगते हैं, विशेष रूप से उनकी कृपा और कृपा का अनुरोध करते हैं। मंत्र देवी से जुड़े प्रचुरता, पवित्रता और दिव्य सौंदर्य के गुणों पर जोर देता है। इस मंत्र को भक्ति और ध्यान के साथ पढ़ने के माध्यम से, व्यक्तियों का लक्ष्य अपने जीवन में धन, समृद्धि और समग्र कल्याण को आकर्षित करना है।
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श्री लक्ष्मी महामंत्र:
ॐ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।
ॐ: मौलिक ध्वनि, ब्रह्मांड के सार का प्रतिनिधित्व करती है।
श्रीं: देवी महालक्ष्मी का बीज स्वर, जो धन और प्रचुरता का प्रतिनिधित्व करता है।
लक्ष्मी: समृद्धि की अवतार माँ लक्ष्मी का जिक्र।
महालक्ष्मी: महान देवी लक्ष्मी का एक नाम।
एह्येहि: आओ ।
सर्व: संपूर्ण ।
सौभाग्यम: शुभता और सौभाग्य
देहि: देना ।
मे: मेरे लिए
स्वाहा: अनुष्ठानों में प्रयुक्त एक अंतिम शब्द, जिसका अर्थ है “ऐसा ही हो” या मैं इसे अर्पित करता हूँ।
माँ देवी महालक्ष्मी का आशीर्वाद पाने और किसी के जीवन में धन, समृद्धि और सौभाग्य को आकर्षित करने के लिए इस मंत्र का जाप किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह भौतिक और आध्यात्मिक संपदा सहित सभी पहलुओं में प्रचुरता और प्रचुरता लाता है। कई भक्त देवी से जुड़ी सकारात्मक ऊर्जाओं का आह्वान करने के लिए प्रार्थना या ध्यान के रूप में इस मंत्र का पाठ करते हैं।
माँ लक्ष्मी के मंत्र | Mahalaxmi Mantra
- नमस्ते सर्वगेवानां वरदासि हरे: प्रिया।
- ॐ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।
- ऊं ह्रीं त्रिं हुं फट।।
- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:।।
- ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:।।
- पद्मानने पद्म पद्माक्ष्मी पद्म संभवे तन्मे भजसि पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम् ।।
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