शिवजी की आरती

शिवजी की आरती-भगवान शिव की पूजा अक्सर एक विशेष आरती के माध्यम से की जाती है जिसे “शिव आरती” के नाम से जाना जाता है। जो कि भगवान शिव की स्तुति करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए की जाती है। आरती एक हिंदू धार्मिक पूजा अनुष्ठान है, जहां किसी देवता, भगवान या देवी की भक्ति गीत गाकर स्तुति की जाती है।

शिवजी की आरती

जय शिव ओंकारा हर जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ हर हर0 ॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ हर हर0 ॥

दो भुज चार चतुर्भुज दशभुज ते सोहे।
तीनों रूप निरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ हर हर0 ॥

अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
त्रिपुरारि कंसारी करमाला धारी ।। ॐ हर हर0 ।।

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघाम्बर अंगे ।
सनकादिक ब्रह्मादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ हर हर0 ॥

कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगहर्ता जगपालन करता ॥ ॐ हर हर0 ॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर के मध्ये यह तीनों एका ॥ ॐ हर हर0 ॥

त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ हर हर0 ॥

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