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Khirsu : A Beautiful Hill Station

Khirsu

अगर आप शहर की भीड़-भाड़ वाली जिंदगी से दूर और सुकून भरी जगह कहीं जाना चाहते हैं, तो खिर्सू आपके लिए एक बहुत अच्छी जगह है। खिर्सू उत्तराखंड राज्य के पौड़ी गढ़वाल जिले में स्थित एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। खिर्सू जिला मुख्यालय पौड़ी से लगभाग 18.5 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है जोकि समुद्र तल से 1700 मीटर की ऊंचाई पर है। खिर्सू अपने हिमालय के मनोरम दृश्यों के लिए जाना जाता है, यहाँ से बर्फ से ढकी कई हिमालय की चोटियाँ दिखाई देते है।

खिर्सू (Khirsu) अपने प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और हरे-भरे जंगलों के लिए प्रसिद्ध है, खिर्सू चारों ओर से बाँज, बुरांश और देवदार के पेड़ों से घिरा हुआ  है। यहाँ का मौसम सैलानियों और प्रकृति प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। शर्दियों में यहाँ बहुत ज्यादा ठण्ड पड़ती है और बर्फ़बारी भी होती है, लेकिन गर्मियों में यहाँ का मौसम बहुत ही सुहावना और आनंदमय होता है। खिर्सू अभी पर्यटकों के लिए अज्ञात है, लोग अभी यहाँ के बारे में ज्यादा नहीं जानते इसलिए यह एक शांत और भीड़ भाड़ से दूर एक सुन्दर हिल स्टेशन है।

खिर्सू गांव के पास ही स्थित एक पार्क है जो बहुत ही सुन्दर, प्रकृति से सजा हुआ और शांत वातावरण के बीच स्थित है, आप यहाँ पार्क में भ्रमण करके प्रकृति का आनद ले सकते है और एकांत में ध्यान लगा सकते है। खिर्सू अपने सेब के बगीचों के लिए भी प्रसिद्ध है, आप यहाँ सेब के बगीचें देख सकते है।

खिर्सू(Khirsu)के पास स्थित घूमने के अन्य स्थान  

  • पौड़ी : – पौड़ी खिर्सू से लगभग 18.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता,शांत वातावरण और हिमालय दर्शन के लिए प्रसिद्ध है,यहाँ से हिमालय की बर्फ से ढकी कई चोटियों का शानदार नजारा दिखाई देता है। पौड़ी जनपद मुख्यलाय और गढ़वाल मंडल का मुख्यालय भी है। यह गढ़वाल का सांस्कृतिक नगर भी है, ब्रिटिश शासन के दौरान पौड़ी ब्रिटिश गढ़वाल का प्रशासनिक मुख्यालय था। पौड़ी का मौसम और यहाँ की सुंदरता पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है, यह समुद्रतल से लगभग 1800 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है इसलिए यहाँ   का मौसम ठंडा रहता है, सर्दियों में यहाँ बर्फ़बारी का मज़ा भी लिया जा सकता है।  
  • कंडोलिया मंदिर : – कंडोलिया मंदिर (कंडोलिया देवता) जो की भगवन शिवजी को समर्पित मंदिर है वह कंडोलिया पहाड़ी पर स्थित है। यह खिर्सू से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर पौड़ी शहर के पास स्थित एक सुन्दर और प्राचीन मंदिर है जो देवदार के घने जंगल के बीच स्थित है। यहाँ आप मंदिर  के दर्शन कर सकते है। इसी मंदिर के पास में ही एक पार्क है जो (कंडोलिया पार्क) के नाम से जाना जाता है,बहुत सुन्दर और प्रकृति से सजा हुआ है।
  • ज्वाल्पा देवी : – ज्वाल्पा देवी मंदिर खिर्सू से लगभग 41 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है,जो की कोटद्वार पौड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग -119 के किनारे स्थित है। ज्वाल्पा देवी मंदिर माँ दुर्गा को समर्पित एक सिद्धपीठ है। ज्वाल्पा देवी का यह मंदिर पश्चिमी नयार नदी के तट पर स्थित है, जोकि दूधातोली श्रृंखला से निकलती है और ज्वाल्पा देवी से होकर गुजरती है। भक्तजन माता के दर्शन करने से पहले इसी नयार नदी में स्नान करते है फिर दर्शन करने जाते है। यहाँ मंदिर में हमेशा एक अखंड ज्योति जलती रहती है।
  • श्रीनगर : – श्रीनगर एक पौराणिक और गढ़वाल का सांस्कृतिक नगर है जो की अलकनंदा नदी के तट पर बसा हुआ है। यह खिर्सू से लगभग 19 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। श्रीनगर एक समय गढ़वाल राजवंश (पंवार वंश ) की राजधानी थी, गोरखाओं के शासन में भी श्रीनगर प्रशासनिक मुख्यालय था। बाद में ब्रिटिश शासन काल में ब्रटिश हुकूमत ने प्रशासनिक मुख्यालय को श्रीनगर से पौड़ी स्थानांतरित कर दिया। यहाँ आप भगवन शिव जी को समर्पित कमलेश्वर महादेव मंदिर और किलकिलेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।    

खिर्सू (Khirsu) कैसे पहुंचे ?

खिर्सू (Khirsu)सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है, यहाँ आप आसानी से पहुँच सकते है । यहाँ से नजदीकी रेलवे स्टेशन कोटद्वार है, जिसकी दूरी यहाँ से लगभग 115 किलोमीटर है। कोटद्वार से टैक्सी लेकर आप यहाँ आसानी से पहुँच सकते है। रोड और रेलवे के अलावा हवाई जहाज से भी यहाँ पहुंचा जा सकता है, खिर्सू से नजदीकी हवाईअड्डा देहरादून स्थित जॉली ग्रांट हवाईअड्डा है। खिर्सू यहाँ से लगभग 145 किलोमीटर दूर है। खिर्सू में ठहरने के लिए आपको कई होटल्स और होम स्टे मिल जाएँगे जिनमें आप रुक सकते हैं, जैसे (GMVN) गढ़वाल मंडल विकास निगम का गेस्ट हाउस, निजी होटल्स और पहाड़ी शैली में निर्मित बासा होम स्टे आदि ।

खिर्सू जाने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?

वैसे तो खिर्सू (Khirsu) में सालभर कभी भी जाया जा सकता है,यहाँ का मौसम सुहाना रहता है। गर्मियों में जहाँ शहरों में ज्यादा गर्मी पड़ती है वहीँ खिर्सू का मौसन सुहाना और ठंडा रहता है और बरसात में
यहाँ की सुंदरता और भी बढ़ जाती है जब चारों ओर हरियाली, पहाड़ों से बहते झरने और पहाड़ों में लगा कोहोरा मन को भा जाता है। शर्दियों में भी यहाँ जब बर्फ पड़ती है तो यहाँ का नज़ारा बहुत खूबसूरत हो जाता है।

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